बर्बाद हुए है बहुत इस हसीन चाह में
गांव से शहर आते इस रोशनी के पहर में
क़ीमती है सब कुछ और क़ीमत बता नहीं सकते
बड़े दिनों बाद आये है हम तुम्हारे शहर में,
प्यारी थी जितनी वो कल की शामें
खूबसूरत है आज भी तुम्हारी वो आँखें
सुनने को आखिर आज तुम्हारी बातें
बड़े दिनों बाद आये है हम तुम्हारे शहर में,
कुछ खुशबू कुछ आहटें कहती है
नज़रो में तुम्हारे बस बारिशे रहती है
ज़मीन भीग रही है बादलो के कहर से
बड़े दिनों बाद आये है हम तुम्हारे शहर में,
नगमा है एक छोटा सा फिर भी समय नहीं है
चले आये है यहां और जाना कही नहीं है
ठहर जाये थोड़ा सा फिर आगे के लिए
कहीं यही ना रह जाये हम तुम्हारे शहर में।
Ravya Singh
Omtemplates is a blogger resources site is a provider of high quality blogger template with premium looking layout and robust design
Created with by OmTemplates | Distributed by Blogger Themes
:3💫 great
ReplyDeleteAzaming as always
ReplyDelete❤ thanks
Delete