छोटी थी मैं बहुत, जब मैंने उनको पाया था
मेरी मां के बाद बस पापा ही पुकारा था
गिरती बहुत हूं मै, उन्होने मुझे उठना सिखाया था
मेरे लबों पर हर बार पापा ही नाम आया था
ऐसा नहीं कि उन्होंने मुझपे हाथ नहीं उठाया था,
पर ज़िन्दगी का सबसे बड़ा उदाहरण वो खुद बनके आया था
उनके कहे लफ्ज़ मुझे आज भी याद है,
खुद ग़लत ना हो तो ये आंखे भी गीली नहीं करना
गिरना उठना , फिर से चलना, मगर कभी खुद को अकेले मत सोचना
हमेशा मेरे साथ होने वाले मेरे पापा थे
दुनिया ने हमेशा हाथ छोड़ा है, मेरा हाथ पकड़ने वाले मेरे पापा थे
एक दिन शायद भगवान को भी ये गवारा न हुआ
सोचा होगा
मैंने इसको बनाया है और ये भी हमारा ना हुआ
उन्होंने मुझसे मेरा भगवान छीन लिया
उस समय लगा मेरा इमाम छीन लिया
ठीक हूं मै यही सभी से कहती हूं,
अकेली नहीं हूं मै अपने पापा के साथ रहती हूं
भगवान और पिता में सिर्फ यही अंतर रहेगा
भगवान तो सिर्फ सागर है, मेरा पिता मेरा पूरा समंदर रहेगा
_पंकज कुमार (मेरे पापा)
Ravya Singh
Omtemplates is a blogger resources site is a provider of high quality blogger template with premium looking layout and robust design
Remarkable words said for father😊
ReplyDeleteThank you😊
DeleteLovely and emotionally attached with true soul. Keep going
ReplyDeleteBeautiful ❤️❤️
ReplyDeleteFabulous
ReplyDeleteAwesome story about father
ReplyDeleteHeart touching lines♥️
ReplyDelete